कोटा में भी अरावली बचाने हेतु कलेक्टर ऑफिस जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सोपा । गिराज गौतम ने बताया कि अरावली पर्वतमाला के 100 मीटर से कम पहाड़ियों को खनन करने का प्रावधान दिया है इसे निरस्त करना चाहिए इससे पर्यावरण में परिवर्तन होगा जो जीव जंतुओं पर पशु पक्षियों पर फर्क पड़ेगा
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| "अरावली बचाओ" |
केंद्र सरकार द्वारा अरावली पर्वतमाला की नई वैज्ञानिक परिभाषा प्रस्तावित की गई है । इसके तहत केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली माना जाएगा. इसका विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यदि यह मानदंड लागू हुआ तो अरावली का बड़ा हिस्सा संरक्षण से बाहर हो जाएगा. इससे खनन और निर्माण गतिविधियों का रास्ता खुल सकता है. इसका असर भूजल स्तर, जलवायु संतुलन और जैव विविधता पर गंभीर रूप से पड़ेगा । इसे लेकर ही विरोध तेज हो गया है ।
ज्ञापन देने वालो में राधे श्याम कुशवाहा, कुंदन कुशवाहा, तरुण कुशवाहा, विक्की बादल जोश राजपूत नीरज मेघवाल आदि मौजूद रहे ।
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