नववर्ष की शुरुआत यदि सकारात्मक सोच और सही दिशा में किए गए प्रयासों से की जाए तो जीवन में इच्छित परिणाम प्राप्त करना सरल हो सकता है। नववर्ष में जो भी लक्ष्य आप प्राप्त करना चाहते हैं, उसे अपने हाथों से कागज पर लिखकर घर की कार्य मेज पर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाएं। साथ ही लक्ष्य की एक समय-सीमा भी तय करें, जिससे लक्ष्य प्राप्ति की ऊर्जा बनी रहे। जिस प्रकृति ने हमें जन्म दिया है, उसके प्रति आदर और श्रद्धा रखते हुए घर की प्रत्येक वस्तु के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखें। ऐसा करने से वास्तु दोषों का नकारात्मक प्रभाव शीघ्र समाप्त होने लगता है। वास्तु शास्त्र के कुछ आसान और व्यावहारिक नियम अपनाकर नववर्ष को अधिक शुभ, सुखद और लाभकारी बनाया जा सकता है। एक जनवरी से पहले घर की पूरी तरह साफ-सफाई कर अनावश्यक सामान, रद्दी और कबाड़ को हटा देना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है। साथ ही मन में नकारात्मक विचारों को स्थान न दें और सोच को सदैव सकारात्मक बनाए रखें। घर का मुख्य द्वार वास्तु का मुख, खिड़कियां उसकी आंखें और ब्रह्मस्थान पेट के समान माना गया है। इसलिए मुख्य द्वार स्वच्छ और आकर्षक होना चाहिए। द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक का चिह्न बनाना शुभ माना गया है। खिड़कियों के सामने कोई सामान न रखें और ब्रह्मस्थान पर भारी सामान रखने से बचे ।
- पहले दिन करें ये काम, मिलेंगे शुभ परिणाम
नववर्ष के पहले दिन सुबह जल्दी उठें और धरती माता को प्रणाम करें। उत्तर और पूर्व दिशा के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल दें ताकि अधिक मात्रा में शुभ ऊर्जा घर में प्रवेश कर सके। घर के वरिष्ठ सदस्यों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। मंदिर या पूजा कक्ष में भगवान की पूजा-अर्चना कर बीते वर्ष के लिए धन्यवाद ज्ञापित करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर प्रणाम करें। इस दिन पीले, गुलाबी, लाल, नारंगी या सुनहरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है, जबकि सफेद, नीले और काले रंग के कपड़ों से परहेज करें। नववर्ष पर घर में मीठा अवश्य बनाएं, भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें घर में नया पौधा लगाना भी अत्यंत शुभ माना गया है। यदि कोई पौधा सूख गया हो तो उसकी जगह तुरंत नया पौधा लगाएं। साल के पहले दिन क्रोध से बचें और हर परिस्थिति में संयम व शांति बनाए रखें, क्योंकि नववर्ष का पहला दिन पूरे वर्ष की दिशा तय करता है !
- ये वास्तु टिप्स भी अपनाएं
नववर्ष का कैलेण्डर पुर्व दिशा की दीवार पर ही लगायें भूल कर भी इसे दक्षिण दिशा की दीवार पर नही लगायें नही तो क़दम क़दम पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
नववर्ष का कैलेंडर केवल पूर्व दिशा की दीवार पर ही लगाएं।
यदि नए वर्ष में वाहन खरीदने की योजना है तो उत्तर दिशा और अग्निकोण की वास्तु व्यवस्था में सुधार कराएं।
उत्तर दिशा में जल स्रोत जैसे फव्वारा, झरना, छोटे कटोरे में पानी भरकर उसमें फूल डालकर रखें। फिश एक्वेरियम भी रखा जा सकता है। अग्निकोण में हरे पौधों के गमले या
जंगल के चित्र लगाने से शुभ ऊर्जा बढ़ती है। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों की फोटो पूर्व दिशा में लगाएं, इससे उनके प्रति सम्मान और आदर की भावना बढ़ती है।
पूरे परिवार की तस्वीरें पश्चिम दिशा में लगाएं, इससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
पढ़ाई, करियर या व्यवसाय में उन्नति के लिए उत्तर दिशा में धातु का कछुआ या फिश एक्वेरियम रखें। यदि उत्तर दिशा में खिड़की या दरवाजा हो तो उसे अधिक से अधिक खुला रखें, इससे सफलता शीघ्र प्राप्त होती है।
घर के ड्राइंग रूम और कार्यालय की दक्षिण दिशा में लाल रंग का वॉलपेपर, ऊंची इमारतों, पहाड़ों के चित्र, तथा पहले से प्राप्त ट्रॉफी, मेडल रखें। इससे ख्याति और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
भाग्येश गौतम वास्तु और ज्योतिष एक्सपर्ट 7678200917
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