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खातेदार की जमीन पर बजरी माफिया का कहर, खारी नदी में 19 खसरों की कृषि भूमि पूरी तरह तबाह


लीजधारक पर अवैध खनन का आरोप, पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लेकर पहुंचा उपखंड अधिकारी के पास।


सावर। रमेश पाराशर।


खारी नदी क्षेत्र के मेहरूकलां गांव में बजरी खनन ने एक गरीब किसान परिवार की कमर तोड़ दी है। खाताधारक उगमा राम रेगर की कृषि भूमि पर कथित रूप से अवैध रूप से बजरी निकालकर पूरे खेत को समतल कर दिया गया, जिससे खेती योग्य जमीन पूरी तरह नष्ट हो गई है।

पीड़ित के पुत्र महावीर प्रसाद रेगर ने उपखंड अधिकारी सावर को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया कि लीजधारक भरत सिंह शेखावत (एमएल नंबर 5A/2013) ने खातेदारी भूमि में अवैध रूप से बजरी खनन कर दिया। यह भूमि पुराने खसरा नंबर 710 एवं वर्तमान में 710/1, 710/2, 710/3 सहित कुल 19 खसरों में दर्ज है, जो पीढ़ियों से उनके परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन रही है।

महावीर प्रसाद रेगर ने बताया कि खेत पूरी तरह खत्म हो जाने से अब खेती असंभव हो गई है। परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं और रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी लीजधारक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए तथा पीड़ित परिवार को न्याय व मुआवजा दिलाया जाए।

क्षेत्र में अवैध बजरी खनन को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में माफिया के हौसले बुलंद हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कब तक ठोस कदम उठाता है।

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