(पंकज बाफना)
डूंगरपुर,बार कॉन्सिल ऑफ़ राजस्थान के चुनाव प्रचार के तहत डूंगरपुर पहुंचे बीसीआर प्रत्याशी मनोज आहूजा का नव निर्वाचित अध्यक्ष नागेंद्र सिंह व नगीन पटेल के नेतृत्व में गर्मजोशी से स्वागत किया।इस मौक़े पर एडवोकेट नगीन पटेल ने अधिवक्ता साथियों को बताया कि आहूजा उनके 28 साल पुराने मित्र हैं तथा उन्होंने 25 साल पहले बांसवाड़ा के विधि महाविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है और तब से वो लगातार मित्र धर्म निभा रहे हैं।
चुनाव प्रचार के पावन अवसर पर आहूजा के बचपन के दोस्त अशोक सिंह रावत पूर्व जिला बार अध्यक्ष, बिजयनगर बार के पूर्व अध्यक्ष धीरज मालवीया व नसीराबाद के एडवोकेट हेमंत प्रजापति भी मौजूद रहेजिन्होंने डूंगरपुर जिले के अधिवक्ता साथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि अपने बेहद अजीज मित्र, संघर्षशील अधिवक्ता और अधिवक्ता एकता के सशक्त प्रहरी मनोज आहूजा के समर्थन में उपस्थित हुए हैं।उन्होंने कहा कि हमारी दोस्ती कोई दो‑चार साल की पहचान नहीं,बल्कि पूरे 30 वर्ष पुराने उस रिश्ते की जीवंत मिसाल है,जो विश्वास, पारदर्शिता और आपसी सम्मान की मजबूत नींव पर खड़ा है।जब हमने वकालत के गलियारों में पहला कदम रखा,तब से लेकर आज तक हर मोड़ पर इन्हें एक संवेदनशील साथी, ईमानदार पेशेवर और अधिवक्ताओं के स्वाभिमान के प्रहरी के रूप में देखा है।कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी इन्होंने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया,चाहे बात कोर्ट‑कचहरी के अंदर की हो या बार की आंतरिक चुनौतियों की।आहूजा का स्वभाव जितना सौम्य और दोस्ताना है,उतना ही इनका व्यक्तित्व जुझारू और संघर्षशील है। अधिवक्ताओं के हितों पर जब‑जब आंच आई,यह सबसे आगे खड़े दिखे।चाहे वह सुविधाओं का प्रश्न हो, सुरक्षा का मुद्दा हो या युवा अधिवक्ताओं के सम्मान और अवसर की बात हो।हर बार इन्होंने बिना किसी भय और पक्षपात के,डटकर आवाज उठाई और समाधान तक चैन से नहीं बैठे।बार के भीतर नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन देना, उनका हौसला बढ़ाना और उन्हें संगठन से जोड़कर रखना,इन्हें केवल जिम्मेदारी नहीं,बल्कि एक नैतिक कर्तव्य लगता है।अपनी व्यस्ततम पेशेवर जिंदगी के बीच भी साथी अधिवक्ताओं की समस्याओं को सुनना,उन्हें अपने जैसा मान कर लड़ना और सामूहिक सम्मान की लड़ाई को आगे बढ़ाना,इनकी पहचान बन चुका है।आज जब बीसीआर के इस महत्वपूर्ण चुनाव में आप सब सम्मानित अधिवक्ता साथियों के बीच हम समर्थन की अपील लेकर आए हैं,तो यह अपील किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि एक सोच,एक संस्कार और एक संघर्षशील नेतृत्व के पक्ष में है। आपसे निवेदन है कि अपने कीमती मत से ऐसे साथी को और अधिक मजबूत करें,जो 30 साल से न केवल दोस्ती निभा रहा है,बल्कि अधिवक्ता हितों के संघर्ष को अपने जीवन का ध्येय बना चुका है।मालवीया ने सभी साथी अधिवक्ताओं से निवेदन किया कि वो बार की एकता,गरिमा और अधिकारों के लिए लड़ने वाले सच्चे, ईमानदार और झुझारू नेतृत्व के साथ पूरा अधिवक्ता समाज खड़ा है।जय हिन्द,जय अधिवक्ता एकता।
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