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विश्व ध्यान दिवस पर राजयोग भवन में विश्व एकता ओर विश्वास हेतु ध्यान विषय पर कार्यक्रम* *विश्व ध्यान दिवस पर राजयोग मेडिटेशन से आत्मशांति और मानवता के उत्थान का संदेश* *राजयोग मेडिटेशन, मानव जीवन में संतुलन, शांति और स्थिरता लाने का एक सशक्त माध्यम है : बीके अपर्णा दीदी*


उमाशंकर शर्मा टोंक | 


विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शाखा टोंक के राजयोग भवन में ‘विश्व एकता व विश्वास हेतु ध्यान’ विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से विश्व में सुख, शांति, प्रेम, पवित्रता और खुशी का संदेश प्रसारित किया गया। इस अवसर पर ओम् की दिव्य ध्वनि द्वारा स्वयं एवं आसपास के वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का अभ्यास कराया गया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अपर्णा दीदी ने कहा कि विश्व ध्यान दिवस मानवता को आंतरिक शांति और संतुलन की ओर ले जाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। ध्यान केवल व्यक्तिगत साधना नहीं, बल्कि समाज और संपूर्ण विश्व में शांति, सद्भाव और करुणा का संचार करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति शांत होता है, तो उसका सकारात्मक प्रभाव पूरे वातावरण पर पड़ता है।

दीदी ने कहा कि आज मनुष्य समस्याओं का समाधान बाहर खोजता है, जबकि वास्तविक समाधान हमारे भीतर ही छिपा है। मेडिटेशन के माध्यम से जब हम अंतर्मुखी होकर स्वयं को आत्मस्वरूप में अनुभव करते हैं, तब जीवन की सच्ची समझ विकसित होती है। उन्होंने बताया कि राजयोग मेडिटेशन आत्म-ज्ञान के साथ-साथ परमपिता परमात्मा से जुड़ने की दिव्य प्रक्रिया है, जिससे मन को शांति, स्थिरता और संतोष की अनुभूति होती है।

उन्होंने कहा कि भागदौड़ भरी जीवनशैली में मेडिटेशन सुकूनभरी नींद, मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह चिंता, तनाव, हृदय रोग तथा अन्य गंभीर बीमारियों में भी सहायक सिद्ध हुआ है। राजयोग मेडिटेशन व्यक्ति को नकारात्मक प्रवृत्तियों और व्यसनों से मुक्त कर जीवन में संतुलन, शांति और स्थिरता लाने में सहायक है।


कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ऋतु दीदी ने राजयोग की गहन अनुभूति कराते हुए कहा कि राजयोग मेडिटेशन व्यक्ति को स्वयं की पहचान कराकर परमात्मा से जोड़ता है। इससे आत्मा के मूल गुण—सत्यता, पवित्रता, दया, करुणा, धैर्य और सेवा—जागृत होते हैं। उन्होंने कहा कि नियमित मेडिटेशन से तनाव, भय और चिंता से मुक्ति मिलती है तथा मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सुदृढ़ होता है। साथ ही व्यवहार और संबंधों में मधुरता आती है। दीदी ने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली में मेडिटेशन सुख, शांति, आनंद और आत्मसंतोष प्राप्त करने का सशक्त माध्यम है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज और विश्व में शांति स्थापना में भी योगदान देता है।


कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी साधकों ने विश्व ध्यान दिवस पर राजयोग मेडिटेशन को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने तथा संपूर्ण मानवता के कल्याण हेतु सकारात्मक संकल्प लेने का दृढ़ निश्चय किया।

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